pradhan mantri fasal bima yojana (PMFBY): किसानों के लिए सुरक्षा कवच
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का शुभारंभ भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा खरीफ 2016 सीजन से किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना किसानों को खेती जारी रखने, आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने और उनकी आय को स्थिर रखने में मदद करती है।
प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान पर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
कुल बीमित किसान
70,27,637 किसान
किसान अंश
₹453 करोड़
राज्य/केंद्र सरकार की सब्सिडी
₹1,909 करोड़
सकल प्रीमियम
₹2,362 करोड़
दावों का भुगतान
₹1,703 करोड़
लाभान्वित किसान
17,66,455 किसान
pradhan mantri fasal bima yojana के मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान से वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, यह योजना किसानों को कृषि में जारी रखने, क्रेडिट फ्लो सुनिश्चित करने, और खाद्य सुरक्षा में योगदान देने का भी उद्देश्य रखती है।
“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आई है।“
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
फसल नुकसान की स्थिति में वित्तीय सहायता: यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए फसल नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
किसानों की आय को स्थिर रखना: प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की आय में होने वाली अस्थिरता को कम करना और उन्हें खेती जारी रखने में मदद करना।
आधुनिक कृषि विधियों को बढ़ावा देना: यह योजना किसानों को नई और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़े।
फूड सिक्योरिटी और कृषि विकास में योगदान: फसल बीमा से किसानों को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता, जिससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास बना रहता है।
कौन-कौन से किसान कवर किए जाते हैं?
इस योजना के तहत सभी ऋणदाता किसान, जिनको फसल ऋण (SAO लोन) स्वीकृत किया गया है, कवर किए जाते हैं। गैर-ऋणदाता किसान भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं, परंतु उनके लिए यह योजना वैकल्पिक है।
फसल बीमा योजना में शामिल होने की प्रक्रिया
ऋणदाता किसान: ऋणदाता किसानों के डेटा को नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (NCIP) में बैंक द्वारा अपलोड किया जाता है।
गैर-ऋणदाता किसान: सीएससी, एजेंसियों या किसान स्वयं अपने डेटा को NCIP में अपलोड कर सकते हैं।
कवर की जाने वाली फसलें
खाद्यान्न फसलें: अनाज, दलहन, तिलहन
वाणिज्यिक/बागवानी फसलें: वार्षिक फसलें
किसान द्वारा देय प्रीमियम दरें
फसल का प्रकार
खरीफ
रबी
खाद्यान्न फसलें (अनाज, दलहन, तिलहन)
2%
1.5%
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलें
5%
–
सरकार किसानों को बीमा की प्रीमियम राशि में सब्सिडी भी प्रदान करती है, जिससे किसानों का बोझ कम हो सके।
कौन-कौन सी फसलें कवर होती हैं? (Coverage of Crops)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुख्य रूप से तीन प्रकार की फसलों को कवर किया जाता है:
खाद्यान्न फसलें (Food Crops):
अनाज, दलहन और तिलहन जैसे खाद्यान्न फसलें इस योजना के तहत कवर की जाती हैं।
वाणिज्यिक और बागवानी फसलें (Commercial and Horticultural Crops):
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलें भी योजना के अंतर्गत आती हैं।
स्थायी फसलें (Perennial Crops):
कुछ राज्यों में स्थायी बागवानी फसलों का भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीमा किया जाता है, जिनके लिए उपज का सही अनुमान लगाया जा सकता है।
योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम कवर होते हैं? (Coverage of Risks)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत निम्नलिखित जोखिमों को कवर किया जाता है:
बुवाई/बुवाई में बाधा:
अगर किसी किसान की फसल बुवाई के समय मौसम की खराबी के कारण बुवाई नहीं हो पाती, तो किसान को 25% बीमित राशि का भुगतान किया जाता है।
फसल कटाई के बाद के नुकसान:
फसल कटाई के बाद 2 सप्ताह तक की स्थिति में होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है, जैसे कि चक्रवात, ओलावृष्टि, असमय बारिश आदि।
स्थानीय आपदाएं:
स्थानीय स्तर पर होने वाली आपदाएं, जैसे कि ओलावृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, आग इत्यादि, भी कवर की जाती हैं।
जंगली जानवरों द्वारा क्षति:
कुछ राज्यों में जंगली जानवरों द्वारा फसल को होने वाली क्षति का भी कवर उपलब्ध है।
योजना में बहिष्कृत जोखिम (Exclusions):
युद्ध, परमाणु जोखिम, जानबूझकर की गई क्षति, और अन्य प्रबंधनीय जोखिमों को योजना के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता।
pradhan mantri fasal bima दावों की प्रक्रिया (How to File an Insurance Claim)
फसल नुकसान होने पर बीमा दावा करने की प्रक्रिया भी सरल और किसानों के लिए सुविधाजनक है। किसान निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
नुकसान की सूचना देना: किसान फसल नुकसान की सूचना 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, या कृषि विभाग को दे सकते हैं। इसके लिए किसान टोल फ्री नंबर (1800 200 7710) या नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल का भी उपयोग कर सकते हैं।
दावा की प्रक्रिया: स्थानीय अधिकारियों द्वारा नुकसान का आकलन किया जाता है और दावे का भुगतान किया जाता है। यदि फसल पूरी तरह से खराब हो जाती है, तो किसान को 25% बीमित राशि एडहॉक भुगतान के रूप में मिलती है।
कटाई के बाद के नुकसान के लिए दावा: कटाई के बाद होने वाले नुकसान के लिए किसान व्यक्तिगत रूप से दावा दाखिल कर सकते हैं।
“किसान फसल नुकसान की सूचना सरलता से दे सकते हैं और सरकार द्वारा त्वरित रूप से दावे का निपटान किया जाता है।“
pradhan mantri fasal bima yojana के लिए आवश्यक प्रमुख दस्तावेज़
दस्तावेज़ का नाम
विवरण
पहचान प्रमाण
आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड
बैंक खाता विवरण
बैंक खाता नंबर, बैंक पासबुक की कॉपी, IFSC कोड
भूमि रिकॉर्ड या पट्टा प्रमाण पत्र
भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (खसरा, खतौनी), पट्टा प्रमाण पत्र (किराए पर ली गई भूमि के लिए)
फसल बुवाई प्रमाण पत्र
संबंधित कृषि विभाग या बैंक से जारी किया गया फसल बुवाई का प्रमाण पत्र
फसल ऋण दस्तावेज (ऋणदाता किसानों के लिए)
बैंक से जारी किया गया फसल ऋण दस्तावेज जो किसान के फसल ऋण लेने की पुष्टि करता है
फोटो
पासपोर्ट साइज फोटो
इस तालिका का उपयोग करके किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ आसानी से समझ सकते हैं और पंजीकरण प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा कर सकते हैं।
pradhan mantri fasal bima yojana लिए आवेदन कैसे करें?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल है। नीचे दी गई जानकारी से आप आसानी से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं:
नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (NCIP) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन
पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
आवेदन के बाद, आपको प्रीमियम राशि का भुगतान NEFT के माध्यम से करना होगा, क्योंकि चेक और ड्राफ्ट द्वारा भुगतान स्वीकार नहीं किया जाता है।
2. कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आवेदन
अगर आप स्वयं ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते, तो आप अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
CSC पर मौजूद कर्मचारी आपकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगे और आपको आवेदन प्रक्रिया में मदद करेंगे।
3. बैंक के माध्यम से आवेदन (ऋणदाता किसानों के लिए)
यदि आपने फसल ऋण लिया है, तो आपकी जानकारी आपके बैंक द्वारा स्वचालित रूप से नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी।
आपको केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक में आपके दस्तावेज़ और फसल की जानकारी सही और पूरी हो।
4. आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड)
बैंक खाता विवरण (बैंक खाता नंबर, IFSC कोड)
भूमि रिकॉर्ड या पट्टा प्रमाण पत्र
फसल बुवाई प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
5. प्रीमियम भुगतान कैसे करें?
प्रीमियम का भुगतान केवल NEFT के माध्यम से किया जा सकता है। अन्य किसी भी माध्यम, जैसे चेक या ड्राफ्ट, द्वारा भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन करते समय बैंक विवरण भरें और NEFT के माध्यम से भुगतान करें।
महत्वपूर्ण:ऑनलाइन आवेदन के लिए सुनिश्चित करें कि आपके सभी दस्तावेज़ सही और पूरे हैं। एक बार आवेदन सबमिट होने के बाद, आप इसकी स्थिति NCIP पोर्टल पर देख सकते हैं।
Premium Rates and Government Subsidy
प्रीमियम दरें और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, किसानों को नाममात्र प्रीमियम दरों का भुगतान करना होता है, जबकि शेष प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकारें सब्सिडी के रूप में प्रदान करती हैं। यह किसानों के लिए बड़ा आर्थिक लाभ है, क्योंकि उन्हें बीमा प्रीमियम का छोटा हिस्सा ही वहन करना पड़ता है।
फसल का प्रकार
खरीफ
रबी
खाद्यान्न फसलें (अनाज, दलहन, तिलहन)
2%
1.5%
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलें
5%
–
सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के तहत यदि बीमा कंपनी द्वारा उद्धृत प्रीमियम दर अधिक होती है, तो राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर उस अतिरिक्त प्रीमियम का 50% वहन करती हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली एक सरकारी योजना है। इसका उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर रखना और उन्हें वित्तीय संकट से बचाना है।
किसान को फसल नुकसान की सूचना 72 घंटों के भीतर संबंधित बीमा कंपनी, बैंक या कृषि विभाग को देनी होती है। इसके बाद दावा प्रक्रिया शुरू की जाती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा तंत्र है जो उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाती है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उन्हें अपनी फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। यदि आप एक किसान हैं, तो इस योजना का लाभ उठाना सुनिश्चित करें और अपनी फसल की सुरक्षा के लिए पंजीकरण करें।